बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना: नमस्कार दोस्तों, आज हम आप लोगों भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही एक योजना "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" (BBBP) के बारे में बताएंगें| जैसे कि हम सभी लोग जानते हैं कि हमारे समाज में बेटियों के जन्म से लोग अक्सर दुखी हो जाते हैं, क्योंकि उनको लगने लगता है कि हम पर बोझ बढ़ गया है क्योंकि बेटी की पढाई का खर्चा और उनकी शादी का खर्चा बढ़ गया है, जिसके चलते लोग अक्सर दुखी हो जाते हैं| और बेटियों के जन्म से ख़ुशी नहीं मनाते हैं| तो इसी भार को कम करने और कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए भारत सरकार ने "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" (BBBP) योजना की शुरूआत की| इस योजना के अंतर्गत अगर आप बेटी के जन्म से कुछ राशि (हर महीने थोड़े - थोड़े करके ) जमा करने लगते हैं तो बाद में जब आप अपनी बेटी की शादी करते हैं तो आपको मोटी रकम मिल जाती है, जिससे आपका भार कम हो जाता है| तो आइये जानते हैं की आप कैसे "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" (BBBP) योजना का लाभ उठा सकते हैं | ....
"बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" (BBBP) योजना क्या है?
"बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" (BBBP) योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक बहुत ही महत्वाकांक्षा योजना है| इस योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 22 जनवरी 2015 को की गई थी| इस योजना का उद्देश्य बेटियों के भविष्य को उज्जवल बनाना, लिंगानुपात सुधारना, शिक्षा को बढ़ावा देना, महिला सशक्तिकरण और समाज में बेटियों के जन्म को लेकर चल रही गलत भावनाओं को दूर करना है|
"बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" (BBBP) योजना का मुख्य उद्देश्य|
"बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" (BBBP) योजना को बिभिन्न उद्देश्यों के साथ शुरू किया गया था जो निम्न प्रकार हैं--
- कन्या भ्रूण हत्या रोकना – समाज में बेटियों को बोझ मानने की मानसिकता को बदलने और जन्म के समय लड़कों और लड़कियों के अनुपात को संतुलित करने का प्रयास।
- बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन – हर लड़की को प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक अवसर प्रदान करना।
- महिला सशक्तिकरण – बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जागरूकता और वित्तीय सहायता देना आदि |
"बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" योजना शुरू करना क्यों जरूरी था?
"बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" योजना शुरू को शुरू करना इसलिए जरुरी था क्योंकि जब 2011 में जनगणना हुई तब यह देखा गया कि लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या लगातार कम होती जा रही है। बाल लिंग अनुपात (CSR) यानी 0-6 साल की उम्र के बच्चों में हर 1000 लड़कों पर लड़कियों की संख्या धीरे-धीरे घट रही थी। 1999 में यह 945 लड़कियां थी, 2001 में 927 रह गई, और 2011 में और गिरकर 918 लड़कियां रह गई।इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह जन्म के समय लिंग अनुपात (SRB) में कमी थी। मतलब, कई परिवार अभी भी बेटे की चाहत में लिंग परीक्षण करवाकर लड़की के जन्म को रोक रहे थे। इसके अलावा, समाज में बेटियों को लड़कों की तुलना में कम महत्व दिया जाता था – उनके स्वास्थ्य, पढ़ाई और पोषण पर कम ध्यान दिया जाता था।
यही वजह थी कि सरकार को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसी योजना लानी पड़ी, ताकि लड़कियों के जन्म, शिक्षा और भविष्य को सुरक्षित किया जा सके और समाज में उनके साथ होने वाले भेदभाव को खत्म किया जा सके।
"बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" (BBBP) योजना को कितने भागों में बांटा गया है?
"बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" (BBBP) योजना को तीन हिस्सों में बांटा गया है| जिससे कि देश की बेटियों की स्थिति को बेहतर बनाया जा सके|
- जागरूकता अभियान – सरकार ने ऐसे कई अभियान शुरू किए हैं जो बाल लिंग अनुपात (CSR) और जन्म के समय लिंग अनुपात (SRB) में गिरावट की समस्या को दूर करने पर ध्यान देते हैं। इन अभियानों का मकसद लोगों को जागरूक करना और बेटियों को बराबरी का अधिकार दिलाना है। जिसके लिए सरकार द्वारा "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" का नारा दिया गया और जगह - जगह पोस्टर लगाए, जिन्हें आपने चलते फिरते कहीं न कहीं दीवालों पर, ट्रकों के पीछे आदि जगहों पर देखा ही होगा|
- बहु-क्षेत्रीय पहल – देशभर के उन जिलों में इस योजना को लागू किया जा रहा है जहां बेटियों की स्थिति सुधारने की सबसे ज्यादा जरूरत है। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण जैसे कई विभाग मिलकर काम कर रहे हैं।
- वित्तीय प्रोत्साहन योजना – सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत की गई है ताकि माता-पिता अपनी बेटियों के भविष्य के लिए बचत कर सकें और उनकी पढ़ाई व सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित किया जा सके।
"बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना" से जुड़ी अन्य योजनाएं|
सरकार ने "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" योजना को सिर्फ लोगों को बेटियों के प्रति जागरूकता फ़ैलाने के लिए शुरू किया है| ना कि सीधे पैसे देने के लिए। इस योजना से देश के लोगों को बेटियों के प्रति जागरूकता बनी रहे और लोग बेटियों के जन्म पर ख़ुशी मनाएं न कि गम| लेकिन सरकार ने बेटियों के भविष्य में होने वाले खर्चे जैसेकि शिक्षा, स्वास्थ्य और शादी से जुड़े अन्य खर्चों के लिए बिभिन्न योजनाएं चालू की हुई हैं| जिनका लाभ उठाकर आप अपनी बेटियों के भविष्य को सुरक्षित बना सकते हैं| सरकार द्वारा बेटियों के भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए चलाई जा रही अन्य सभी योजनाएं निम्न प्रकार हैं ---
- सुकन्या समृद्धि योजना – इस योजना में माता-पिता अपनी बेटी के नाम से एक खाता खोल सकते हैं और उसमें हर साल या हर महीने थोड़े - थोड़े करके कुछ पैसे जमा कर सकते हैं। इस पर अच्छा ब्याज भी मिलता है, जिससे कि आपकी बेटी अच्छी पढाई और शादी के लिए बड़ी जाएगी तब तक आपके पास बहुत अच्छा फण्ड हो चुका होगा, जिससे कि आपको उनकी पढाई और शादी के खर्चों की टेंशन लेने की जरुरत नहीं होगी| इस योजना के बारे अधिक जानने के लिए आप यहाँ क्लिक कर सकते हैं|
- लाड़ली लक्ष्मी योजना – इस योजना के तहत सरकार लड़कियों की पढ़ाई के लिए आर्थिक मदद देती है ताकि माता-पिता पैसों की चिंता किए बिना अपनी बेटियों को पढ़ा सकें।
- बालिका समृद्धि योजना – गरीब परिवारों की बेटियों को मदद देने के लिए इस योजना को शुरू किया गया है। इसमें सरकार आर्थिक सहायता देती है ताकि बेटियां स्कूल जा सकें और उन्हें अच्छी शिक्षा मिल सके।
- धनलक्ष्मी योजना – इस योजना का उद्देश्य दहेज प्रथा को खत्म करना और बेटियों की पढ़ाई को बढ़ावा देना है। इसमें सरकार माता-पिता को बेटी की पढ़ाई के लिए फाइनेंशियल सपोर्ट देती है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ से जुड़ी योजनाओ मे आवेदन करने के लिए आवश्यक दस्तावेज़|
जैसेकि हमने आपको ऊपर बताया है कि "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" योजना डायरेक्ट आपको किसी भी प्रकार का लाभ नहीं देती है| भारत सरकार ने इस योजना को केवल समाज में बेटियों के प्रति जागरूकता फ़ैलाने के लिए शुरू किया था, लेकिन भारत सरकार आपको अन्य योजनाओं के चलते बिभिन्न लाभ प्रदान करती है, जिसके आवेदन के लिए आपको निम्न डाक्यूमेंट्स की जरुरत पड़ेगी| अगर आप अन्य सभी योजनाओं का लाभ उठाना चाहते हैं तो आपके पास ये सभी दस्ताबेज होना अनिवार्य है|
- आधार कार्ड
- जन्म प्रमाण पत्र
- मोबाइल नंबर
- सरकारी विभाग द्वार जारी आईडी
- पासपोर्ट साइज़ फोटो
"बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" योजना के अंतर्गत आने वाली अन्य सभी योजनाएं|
"बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" योजना के अंतर्गत आने वाली सभी योजनाओं के बारे में डिटेल्स से जानने के लिए आप इन योजनाओं के बारे में इंटरनेट पर सर्च कर सकते हैं| और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं|
- सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई)
- सीबीएसई (CBSE) उड़ान योजना|
- बालिका समृद्धि योजना
- कन्या शिक्षा प्रवेश उत्सव
- धनलक्ष्मी योजना
- कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (KGBV)
- माध्यमिक शिक्षा के लिए लड़कियों को प्रोत्साहन की राष्ट्रीय योजना (एनएसआईजीएसई)
- प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई)
"बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" योजना के अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" योजना क्या है?
"बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" केंद्र सरकार की एक योजना है, जिसे 22 जनवरी 2015 को शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य लिंग अनुपात में सुधार करना, बालिका भ्रूण हत्या को रोकना और लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देना है।
2. "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस योजना को शुरू करने के पीछे भारत सरकार के बहुत से उद्देश्य थे जिनमें से मुख्य निम्न प्रकार हैं|
- लिंग अनुपात में सुधार – कन्या भ्रूण हत्या को रोकना।
- लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देना – उन्हें स्कूल में प्रवेश दिलाना और उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना।
- महिला सशक्तिकरण – लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाना और उनके अधिकारों की रक्षा करना।
3. "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" योजना को कौन लागू करता है?
"बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" योजना को तीन मंत्रालय मिलकर लागू करते हैं, जो निम्न प्रकार हैं -
- महिला एवं बाल विकास मंत्रालय
- स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय
- मानव संसाधन विकास मंत्रालय (अब शिक्षा मंत्रालय)|
4. "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" योजना के तहत कौन-कौन सी सरकारी योजनाएं आती हैं?
"बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" योजना के अंतर्गत निम्न योजनाएं आती हैं|
- सुकन्या समृद्धि योजना
- सीबीएसई उड़ान योजना
- बालिका समृद्धि योजना
- कन्या शिक्षा प्रवेश उत्सव
- धनलक्ष्मी योजना
- कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (KGBV).
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